राम आ गए रथ में गरुड़ भगवान, डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ 1. राम जी के माथे में मुकुट विराजे, विष्णु जी के माथे में मुकुट विराजे, चंदा विराज रहा भोले की माथ, डूंडा नादिया में आ गए है हे भोलेनाथ 2. राम जी के कानों में कुंडल बिराजे , विष्णु जी के कानों में कुंडल बिराजे, बिच्छू लटक रहे भोले के काम, डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ राम आ गए रथ में गरुड़ भगवान 3.राम जी की गली में मोतिन की माला , विष्णु जी के गले में मोती की माला, सर्फ बिराज रहा भोले के माथ डूंडा नांदिया में आ गए हैं भोलेनाथ 4. राम जी के हाथों में धनुष बाण सोहे, विष्णु जी के हाथों में शंख चक्र सोहे, त्रिशूल डमरू सो हे भोले के हाथ डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ 5. अवधपुरी से राम जी आए, बैकुंठपुर से विष्णु जी आए कैलाश से पर्वत से आ गए भोलेनाथ, डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ 6.राम जी के साथ में सीता जी आई, विष्णु जी के साथ में लक्ष्मी मैया आई, गोरा मैया आ गई भोले बाबा के साथ डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ
देवी गीत भजन श्री चंद्र सिंह पटैल जो कि मेरे ( गीतेश्वरी ठाकुर) के पूज्यनीय पिता जी हैं के द्वारा स्व रचित है . लट खोल के नाचो मेरी माये कि नैना रतन जड़े - 2 रतन जड़े रे मैया, रतन जड़े-2 लट खोल के नाचो मेरे माय कि नैना रतन जड़े, 1)कौन दये मैया मुंडन माला-2 कौन दिए रे मैया हार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे हार, कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 2) महामाया दी मुंडन माल-2 क्षीर सागर दये हार, ओ मैया मोरी क्षीर सागर दये हार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 3)कौन दिये री मैया कमल की माला-2 कौन ने धनुष बाण , ओ मैया मोरी कोन ने धनुष बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 4) विश्वकर्मा दिए कमल की माला - 2 राम ने धनुष बाण, ओ मैया मोरी राम ने धनुष-बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 5) कौन दिए रे मैया त्रिशूल भाला-2 कौन दिए तलवार, ओ मैया मोरी कोन दिए तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 6) शंकर जी ने मैया त्रिशूल भाला-2 काल ने भेंटी तलवार, ओ मैया मोरी काल ने भेंटी तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 7) कौन दिए री मैया चक्र सुदर्शन-2 कौन दिए रे असवार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे असवार कि नैना रतन जड़े, लट
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