कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 1.ब्रह्मा भी आते, विष्णु भी आते, शंकर जी डमरू बजाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, कार्तिक महीना नहाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 2.रामा भी आते ,लक्ष्मण भी आते, हनुमत जी चुटकी बजाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 3.गंगा भी जाते, यमुना भी जाते, सरजू में गोता लगाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, कार्तिक महीना नहाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, 4.राधा भी आती ,रुकमणी भी आती , कान्हा जी मुरली बजाते , तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 5.ढोलक बजाते ,मंजीरा बजाते , झूम झूम ठुमका लगाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, कार्तिक महीना नहाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते
देवी गीत भजन श्री चंद्र सिंह पटैल जो कि मेरे ( गीतेश्वरी ठाकुर) के पूज्यनीय पिता जी हैं के द्वारा स्व रचित है . लट खोल के नाचो मेरी माये कि नैना रतन जड़े - 2 रतन जड़े रे मैया, रतन जड़े-2 लट खोल के नाचो मेरे माय कि नैना रतन जड़े, 1)कौन दये मैया मुंडन माला-2 कौन दिए रे मैया हार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे हार, कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 2) महामाया दी मुंडन माल-2 क्षीर सागर दये हार, ओ मैया मोरी क्षीर सागर दये हार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 3)कौन दिये री मैया कमल की माला-2 कौन ने धनुष बाण , ओ मैया मोरी कोन ने धनुष बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 4) विश्वकर्मा दिए कमल की माला - 2 राम ने धनुष बाण, ओ मैया मोरी राम ने धनुष-बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 5) कौन दिए रे मैया त्रिशूल भाला-2 कौन दिए तलवार, ओ मैया मोरी कोन दिए तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 6) शंकर जी ने मैया त्रिशूल भाला-2 काल ने भेंटी तलवार, ओ मैया मोरी काल ने भेंटी तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 7) कौन दिए री मैया चक्र सुदर्शन-2 कौन दिए रे असवार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे असवार कि नैना रतन जड़े, लट
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