मेरा भोला बड़ा अलबेला ,
वो तो डमरू बजाए अकेला
वो तो डमरू बजाए अकेला
स्वरचित भजन लिरिक्स by# गीता गीतमाला
मेरा भोला बड़ा अलबेला ,
वो तो डमरू बजाए अकेला
वो तो डमरू बजाए अकेला
1.कभी चंदा के संग,
कभी गंगा के संग,
कभी गोरा के संग में अकेला ,
वोतो डमरु बजाए अकेला
2.कभी बिच्छू के संग
कभी सर्फो के संग,
कभी भूतों के संग में अकेला ,
वो तो डमरू बजाए अकेला
3.कभी पर्वत पे बैठ ,
कभी मरघट पे बैठ,
कभी नंदी पे बैठा अकेला ,
वो तो डमरू बजाए अकेला
4,कभी गांजा पिए,
कभी भंगिया पिए
कभी खाए धतूरा अकेला ,
वो तो डमरू बजाए अकेला
5.करे दुष्टों का नाश,
रहे भक्तों के साथ
सब देवों का देव है अकेला ,
वो तो डमरू बजाए अकेला
मेरा भोला मेरा भोला
बड़ा अलबेला
वो तो डमरू बजाए अकेला
इसके बाद में रामायण की चौपाइयों पर यह भजन गाया गया है हमारी मंडली में रामायण चल रही थी रामायण की चौपाइयों पर यह भजन तर्ज के लिए हम ने गाया था
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