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श्री कृष्ण भजन❤️ दिल को लगा के देखो

श्री कृष्ण भजन❤️ दिल को लगा के देखो दिल को लगा कर देखो,  दिल से मना कर देखो  आएगा मुरली वाला,  आएगा कमली वाला,  दिल से बुला कर देखो 1)  चरणों में दिल लगाकर,  कान्हा का ध्यान कर लो,  कान्हा के रूप को तुम,  आंखों में पानी भर लो,  ऐसा मजा मिलेगा - 3 दिल से मना कर देखो,....  2)जो भी शरण में आया,  कान्हा का प्यार पाया, भक्तों ने जब पुकारा,  नंगे पैर ही भागा,  है प्रेम का दीवाना-3 नजरें मिलाकर देखो,, दिल से मना कर देखो,....  3) धन-धान्य का ना भूखा,  ना सम्मान का भूखा,  गिरधर है वंशीधर ये,  बस भाव का यह भूखा  हारे का साथ देता - 3,  साथी बना कर देखो,  4) दिल की इन्हें सुना दे,  अपनी व्यथा बता दे,  दुनिया से कुछ ना कहना कान्हा को सब बता दे,  भक्तों सहारा इनका-3 पाकर तो यार देखो दिल से मना कर देखो,....  दिल को लगा कर देखो,...

श्री कृष्ण भजन - मेरा दिल तुझ पे कुर्बान

श्री कृष्ण भजन   मुरलिया वाले रे, सांवरिया प्यारे रे,  मेरा दिल तुझपे कुर्बान मुरलिया वाले रे मुरलिया वाले रे, सांवरिया प्यारे रे,  अब तो हो जा मेहरबान मुरलिया वाले रे  1.देखी है जब से यह तस्वीर तेरी   तब से बदल गई है तकदीर मेरी,  मुरलिया वाले रे, सांवरिया प्यारे रे,  मेरा दिल बागबा हो मुरलिया वाले रे,  मुरलिया वाले रे सांवरिया प्यारे रे,  मेरा दिल तुझपे कुरबा मुरलिया वाले रे,....  2.मैं तो तेरा एक दीदार चाहूं , दीवाना तेरा , तेरा प्यार चाहूं मुरलिया वाले रे,  सांवरिया प्यारे रे मेरी दिल की तू दुनिया,  मुरलिया वाले रे ,मुरलिया वाले रे , सांवरिया प्यारे रे मेरा दिल तुझपे कुरबा  मुरलिया वाले रे..  3.चाहे कुछ भी कहे, ये जमाना,  पागल हुआ तेरा एक दीवाना,  मुरलिया वाले रे, सांवरिया प्यारे रे,  अब तो तू ही ही मेरी जान,  मुरलिया वाले रे, सांवरिया प्यारे रे,  मेरा दिल तुझपे कुरबा मुरलिया वाले रे....

शिव भजन - रूठे हैं भोले बाबा, गौरा मनाती हैं

रूठे हैं भोले बाबा, गौरा मनाती हैं 1.गोरा ने ले आई माथे की बिंदिया( पगड़ी) चंदा के लाने रूठे गोरा मनाती हैं रूठे हैं भोले बाबा गौरा मनाती हैं 2. गौरा ने ले आई कानों के कुंडल बिच्छू के लाने रूठे, गौरा मनाती हैं रूठे है भोले बाबा 3.गौरा ने ले आई गले का हरवा(माला) सर्पों के लाने रूठे गौरा मनाती हैं रुठे हैं भोले बाबा गौरा मनाती हैं 4.गौरा ने ले आई हाथों के कंगन (घड़ियां) डमरू के लाने रूठे गौरा, मनाती हैं रुठे हे भोले बाबा गौरा मनाती है 5.गौरा ने ले आए कमर का (धोती) मिरगछाला के लाने रूठे, गोरा मनाती हैं 6. गोरा ने ले आई पैरों की पेजन (जूते) खड़ाऊ के लाने रूठे गोरा मनाती हैं रूठे हैं भोले बाबा गौरा

तुलसी भजन - कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते

कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 1.ब्रह्मा भी आते, विष्णु भी आते, शंकर जी डमरू बजाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, कार्तिक महीना नहाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 2.रामा भी आते ,लक्ष्मण भी आते, हनुमत जी चुटकी बजाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 3.गंगा भी जाते, यमुना भी जाते, सरजू में गोता लगाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, कार्तिक महीना नहाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, 4.राधा भी आती ,रुकमणी भी आती , कान्हा जी मुरली बजाते , तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते कार्तिक महीना नहाते, तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते 5.ढोलक बजाते ,मंजीरा बजाते , झूम झूम ठुमका लगाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते, कार्तिक महीना नहाते तुलसी तेरे चरणों में हम बस जाते

राम आ गए रथ में गरुड़ भगवान

राम आ गए रथ में गरुड़ भगवान, डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ 1. राम जी के माथे में मुकुट विराजे, विष्णु जी के माथे में मुकुट विराजे, चंदा विराज रहा भोले की माथ, डूंडा नादिया में आ गए है हे भोलेनाथ 2. राम जी के कानों में कुंडल बिराजे , विष्णु जी के कानों में कुंडल बिराजे, बिच्छू लटक रहे भोले के काम, डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ राम आ गए रथ में गरुड़ भगवान 3.राम जी की गली में मोतिन की माला , विष्णु जी के गले में मोती की माला, सर्फ बिराज रहा भोले के माथ डूंडा नांदिया में आ गए हैं भोलेनाथ 4. राम जी के हाथों में धनुष बाण सोहे, विष्णु जी के हाथों में शंख चक्र सोहे, त्रिशूल डमरू सो हे भोले के हाथ डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ 5. अवधपुरी से राम जी आए, बैकुंठपुर से विष्णु जी आए कैलाश से पर्वत से आ गए भोलेनाथ, डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ 6.राम जी के साथ में सीता जी आई, विष्णु जी के साथ में लक्ष्मी मैया आई, गोरा मैया आ गई भोले बाबा के साथ डूंडा नांदिया में आ गए हे भोलेनाथ

तुलसी भजन -ग्यारस में आंगन सजाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे

ग्यारस में आंगन सजाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे 1.हल्दी भी लाएंगे, चंदन भी लाएंगे , अपने हाथों से लगाएंगे , तुलसी की शादी रचाएंगे , ग्यारस में आंगन सजाएंगे 2. टीका भी लाएंगे, बिंदिया भी लाएंगे , अपने हाथों से पहनाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे . ग्यारस में आंगन में सजाएंगे 3. नथनी भी लाएंगे झुमका भी लाएंगे, अपने हाथों से पहनाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे, ग्यारस में आंगन सजाएंगे, 4.हरवा भी लाएंगे ,कंगना भी लाएंगे , अपने हाथों से पहना एंगे, . तुलसी की शादी रचाएंगे, ग्यारस में आंगन सजाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे 5.करधन भी लाएंगे, पायल भी लाएंगे , अपने हाथों से पहनाएंगे, तुलसी की शादी रचाएंगे, ग्यारस में आंगन सजाएंगे 6. लहंगा भी लाएंगे, चुनरी भी लाएंगे , अपने हाथों से पहनाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे , ग्यारस में आंगन सजाएंगे, 7.सब सखियां मिल मंगल गाएंगे, अमर सुहाग बर पायेंगे तुलसी की शादी रचाएंगे , आंगन ग्यारस में आंगन सजाएंगे तुलसी की शादी रचाएंगे 🌺🌺🌺

तुलसी भजन- तुलसी मैया की महिमा बड़ी, भोग में तुलसी लेते हरि

तुलसी मैया की महिमा बड़ी , भोग में तुलसी लेते  हरि 1.श्री ब्रह्मा की महिमा का क्या , जिसने दुनिया रचाई बड़ी , उनके संग में ब्रह्माणी खड़ी , भोग में तुलसी लेते हरि   तुलसी मैया की महिमा बड़ी 2.श्री विष्णु का कहना भी क्या , जग  का पालन करें हर घड़ी,  उनके संग में लक्ष्मी जी खड़ी,  भोग में तुलसी लेते हरि  तुलसी मैया की महिमा बड़ी 3. श्री शंकर की महिमा का क्या , राम जपते रहें हर घड़ी  उनके संग में गोरा जी खड़ी  भोग में तुलसी लेते हरी  तुलसी मैया की महिमा बड़ी  4.श्री कृष्णा की महिमा का क्या,  लीला इनकी बड़ी रस भरी  इनके संग में राधा जी खड़ी  भोग में तुलसी लेते हरी  तुलसी मैया की महिमा बड़ी  भोग में तुलसी लेते हरी  5.श्री रामा की महिमा का क्या ,उनने मारे हैं दैत्य सभी ,उनके संग में सीता जी खड़ी , भोग में तुलसी लेते हरि तुलसी मैया की महिमा बड़ी , भोग में तुलसी लेते हरि🙏🏻🙏🏻

श्री कृष्ण भजन - हम तुम्हारे तुम हमारे, बन गए हो सांवरे

हम तुम्हारे तुम हमारे,  बन गए हो सांवरे जान से प्यारे हमें,  लगने लगे हो सांवरे हम तुम्हारे तुम हमारे,  बन गए हो सांवरे 1)जब से देखा है तुम्हें,  दिल को कोई जंचता नहीं  लाख समझाया इसे  पर दिल तेरे बिन लगता नहीं  इस कदर रग रग में मेरी,  बस गए हो सांवरे हम तुम्हारे तुम हमारे बन गये हो सांवरे जान से प्यारे हमें  लगने लगे हो सांवरे 2. बिन तुम्हारे इस जहां में,  और कोई भाता नहीं  बिन तुम्हें देखे कन्हैया चैन अब आता नहीं,  जाने कैसा जादू मुझ पर  कर गए हो सांवरे हम तुम्हारे तुम हमारे  बन गए हो सांवरे  3.लग गई जो प्रीत दिल की अब छुड़ाए छूटे ना, बांधी ऐसी प्रीत तुम संग,  अब कभी  ये टूटे ना ऐसे मन मंदिर में मेरे  बस गए हो सांवरे  हम तुम्हारे तुम हमारे बन गए हो सांवरे जान से प्यारे हमें,  लगने लगे हो सांवरे

सती अनुसूया की कथा -करवा चौथ स्पेशल

सती अनुसूया की कथा  एक बार नारदजी विचरण कर रहे थे त ब  तीनों देवियां मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती को परस्पर विमर्श करते देखा। तीनों देवियां अपने सतीत्व और पवित्रता की चर्चा कर रही थी। नारद जी उनके पास पहुंचे और उन्हें अत्रि महामुनि की पत्नी अनुसूया के असाधारण पातिव्रत्य के बारे में बताया। नारद जी बोले उनके समान पवित्र और पतिव्रता तीनों लोकों में नहीं है। तीनों देवियों को मन में अनुसूया के प्रति ईर्ष्या होने लगी। तीनों देवियों ने सती अनसूया के पातिव्रत्य को खंडित के लिए अपने पतियों को कहा तीनों ने उन्हें बहुत समझाया पर पर वे राजी नहीं हुई।     इ स विशेष आग्रह पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने सती अनसूया के सतित्व और ब्रह्मशक्ति परखने की सोची। जब अत्रि ऋषि आश्रम से कहीं बाहर गए थे तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ने यतियों का भेष धारण किया और अत्रि ऋषि के आश्रम में पहुंचे तथा भिक्षा मांगने लगे।    अतिथि-सत्कार की परंपरा के चलते सती अनुसूया ने त्रिमूर्तियों का उचित रूप से स्वागत कर उन्हें खाने के लिए निमंत्रित किया।    लेकिन यतियों के भेष में त्रिमूर्तियों ने एक स्वर में कहा, ‘हे स

करवा चौथ भजन - सेवा करो पति प्राण की

चाहे करियो ना पूजा भगवान की,  सेवा करो पति प्राण की,  1) एक सती ने सत्य दिखाया,  त्रिदेवों को पुत्र बनाया,  नग्न ( निर्वस्त्र) होकर भोजन कराया,  सती जान गई लीला भगवान की,  सेवा करो पति प्राण की 2 एक सती मायके में आई,   पति अपमान सह नहीं पायी,  अग्निकुंड में जल गई भाई,  लाज राखी है धर्म और ईमान की सेवा करो पति प्राण की,  3 एक सती की गाथा गाई,  यम से मौत मांग ले आई,  तीनो लोक में जय-जय छाई  लेख मेटी है, अब तो भगवान की,  सेवा करो पति प्राण की..  4 एक सती ऐसी सुन भाई,  जिसके पांच पति है भाई,  कैसे-कैसे धर्म निभाई,  मर्यादा बनायी अपन आन की,  सेवा करो पति प्राण की

श्री कृष्ण भजन - रास रचो है, रास रचो है, यमुना के तट, महा रास रचो है

रास रचो है, रास रचो है,  यमुना के तट, महा रास रचो है 1) राधा नाचे, कृष्णा नाचे,  नाचे गोपी जन,  मन मेरो बन गयो,  सखी री पावन वृंदावन,  रास रचो है रास रचो है यमुना के तट महा रास रचो है 2, ब्रह्मा नाचे ,शंकर नाचे,  नाचे देवगन-3 मन मेरो बन गयो सखी री पावन वृंदावन,  रास रचो है, रास रचो है,  यमुना के तट महा रास रचो है  3. गंगा नाचे, यमुना नाचे,  नाचे सरजू संग - 3 मन मेरो बन गयो सखी री पावन वृंदावन  रास रचो है, रास रचो है, यमुना के..  4.हम भी नाचे, तुम भी नाचो, नाचे श्रोता गण-3 मन मेरो बन गयो  सखी री पावन वृंदावन रास रचो है, रास रचो है,  यमुना के तट महा रास रचो है 5. ढोलक बाजे, मंजीरा बाजे, संग बजे मिरदंग-3 मन मेरो बन गयो  सखी री पावन वृंदावन रास रचो है, रास रचो है, यमुना के तट महा रास रचो है

देवी गीत - मां के मंदिर में लगा दो टेलीफोन

मां के मंदिर में लगा दो टेलीफोन,  मैं मैया जी से बात करूं,  मां के मंदिर में लगा दो टेलीफोन  मैया जी से बात करूंगी,  1) पहली बार मंदिर आई बैठी मां के पास,  मां ने रख दिया सर पर हाथ,  मैं मैया जी से बात करूंगी,  2) दूजी बार मैं मंदिर आई,  बैठी मां के पास  मां ने दे दिया आशीर्वाद,  मैं मैया जी से बात करूंगी,  मां मंदिर मे लगा दो टेलीफोन,  मैं मैया जी से बात करूंगी,  3) तीजी बार में मंदिर आई,  बैठी मां के पास  मां ने पढ़ लिया दिल का हाल,  मैं मैया जी से बात करूंगी,  मां के मंदिर में लगा दो टेलीफोन,  मैं मैया जी से बात करूंगी,  4)चौथी बार में मंदिर आई,  बैठी मां के पास,  मां ने दे दिया विद्या का वरदान, मैं मैया जी से बात करूंगी,  मां मंदिर में लगा दो टेलीफोन,  मैं मैया जी से बात करूंगी।      5) पांचवी बार में मंदिर आई,  बैठी मां के पास मां ने दे दिया भक्ति का वरदान,  मैं मैया जी से बात करूंगी,  मां मंदिर में लगा दो टेलीफोन,  मैं मैया जी से बात करूंगी

कलयुग पर प्रहार-मेरी खेर माता, मेरी खेर माता

कलयुग पर प्रहार मेरी खेर माता, मेरी खेर माता कलयुग में हो रहा, अंधेर माता मेरी खेर माता, मेरी खेर माता कलयुग में हो रहा, अंधेर माता 1. घर घर में कन्या भोजन कराएं, मंदिर में जाकर भंडारा कराएं, और भूखे माता-पिता, घर से भगाये,  मेरी खेर माता, खेर माता,  कलयुग में हो रहा अंधेर माता .…. 2.नरियल फोड़े और बूंचे चढ़ाएं,  'नारियल फोड़े  खपड़िया चढ़ाएं,  भेली निकाले सभी  मिल  खाये ,  मेरी खेर माता, मेरी खेर माता कलयुग में हो रहा, अंधेर माता  3.जीते जी माता-पिता घर से भगाए ,  मरने के बाद पुरखों में बुलाये, छानी  के  कौवा  को बाप बनाये ,  मेरी खेर माता, मेरी खेर माता कलयुग में हो रहा, अंधेर माता   4) नौ दिन तक कन्याओं को भोजन कराएं,  देवी बनाएं और तिलक लगाएं,  बाद  में मिले तो नियत डुलायें,  मेरी खेर माता, मेरी खेर माता कलयुग में हो अंधेर  माता  5.काली के नाम पर बकरा चढ़ाएं,  देवी को खून के छींटा लगाएं, मांस निकाले और सब मिल खाएं, मेरी खेर माता, मोरी खेर माता कलयुग में हो रहा अंधेर माता..

Mahishasur Mardini strotam महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत

महिषासुर मर्दिनी स्रोत प्रस्तुत है बिल्कुल सरल करके इसे आपके लिये प्रस्तुत किया गया है  अयि गिरि नन्दिनि नन्दित मेदिनि  विश्व विनोदिनि नन्दिनुते गिरिवर विन्ध्य शिरोधि निवासिनि,  विष्णु विलासिनि जिष्णु नुते । भगवति हे शिति कण्ठ कुटुम्बिनि  भूरि कुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुर मर्दिनि  रम्यक पर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवर वर्षिणि दुर्धर धर्षिणि,  दुर्मुख मर्षिणि हर्षरते त्रिभुवन पोषिणि शंकर  तोषिणि,  किल्बिष मोषिणि घोषरते दनुज निरोषिणि दिति सुत रोषिणि,  दुर्मद शोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुर मर्दिनि  रम्यक पर्दिनि शैलसुते  ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब,  वनप् प्रिय वासिनि हासरते शिखरि शिरोमणि तुंग हिमालय,  शृंग निजालय मध्यगते । मधु मधुरे मधुकैटभ गञ्जिनि,  कैटभ भञ्जिनि रासरते जय जय हे महिषासुर मर्दिनि,  रम्यक पर्दिनि शैलसुते  ॥ ३ ॥ अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड,  वितुण्डित शुण्ड गजाधिपते रिपुगज गण्ड विदारण चण्ड,  पराक्रम शुण्ड मृगाधिपते । निज भुजदण्ड निपातित खण्ड,  विपातित मुण्ड भटाधिपते जय जय हे महिषासुर मर्दिनि,  रम्यक पर्दिनि शैलसुते  ॥ ४ ॥ अयि रण दुर्मद शत्रु वधोदित,  दुर्धर निर्जर

सत्संग भजन || सत्संग की नदियां अगम बही जाए

सत्संग भजन | | सत्संग की नदिया , अगम बही जाए , उसमें सब कोई नहाए,  हरे रामा, उसमें सब कोई नहाए,  हरे रामा 1.ब्रह्मा नहाए ,विष्णु नहाए , शंकर नहाए तो डमरू बजाए,  उसमें सब कोई नहाए , हरे रामा ,सत्संग की नदियां....... 2.रामा नहाए, लक्ष्मण नहाऐ,, हनुमत नहाए ,तो चुटकी बजाएं..  उसमें सब कोई नहाए , हरे रामा ,सत्संग की नदिया 3. गोपी नहाए, ग्वाले नहाए,  कान्हा नहाये ,तो मुरलिया बजाय,  उसमें सब कोई नहाए , हरे रामा, सत्संग की नदिया | 4.तुलसी नहाए, बाल्मीकि नहाए,  नारद नहाए तो वीणा बजाय , उसमें हर कोई नहाए,  हरे रामा ,सत्संग की नदिया....  5.राधा नहाए, रुक्मणी भी नहाए , मीरा नहाऐ, खड़ताल बजाय , उसमें सब कोई नहाए,  हरे रामा ,सत्संग की नदिया 6.ढोलक नहाए ,मंजीरा नहाए , सखियाँ नहाए तो ताली बजाए , उसमें सब कोई नहाए,  हरे रामा ,सत्संग की नदियां 7. हम भी नहा ले ,तुम भी नहा लो,  सब कोई नहा लो तो सब तर जाए , उसमें सब कोई नहाए , हरे रामा सत्संग की नदिया,  अगम बही जाए  उसमें सब कोई नहाए हरे रामा बही जाए उसमें सब कोई नहाए

देवी गीत ओढे लाल चुनरिया रे, मैया मंदिर में दिखाएं

                  देवी गीत   ओढे लाल चुनरिया रे,  मैया मंदिर में दिखाएं  मैया मंदिर में दिखाएं 2,  ओढे लाल चुनरिया रे मैया मंदिर में दिखाएं  1.लाल लाल चूड़ियां , लाल लाल बिंदी , लाल करे श्रंगार 2, वो तो लाल चुनरिया रे  मैया ओढ़ के आ गई आज  ओढे लाल चुनरिया रे  मैया मंदिर में दिखाएं  2.हरी हरी चूड़ियां,  हरी हरी बिंदी,  हरा करें श्रंगार 2 वो तो हरा निबुआ रे,  मैया लेकर आ गई हाथ  ओढे लाल चुनरिया रे,  मैया मंदिर में दिखाएं 3. पीली पीली चूड़ियां , पीली पीली बिंदी , पीला है श्रंगार2,  वो तो पीला सिंगा रे सवारी करके आ गई आज ओढे लाल चुनरिया रे,  मैया मंदिर में दिखाएं 4. काली काली अखियां , काला काला कजरा,  काला है श्रंगार 2,  वो तो काला खप्पर रे  मैया लेकर आ गई हाथ  ओढे लाल चुनरिया रे,  मैया मंदिर में दिखाएं 5. सुमर सुमर मैया तेरे जस गाएं,  रहे चरण चित लाए2 मैया कई रंगों में रे,  सब को दर्शन दे गई आज  ओढे लाल चुनरिया,  रे मैया मंदिर में दिखाएं