आरती
ये अंबे जगदंबे की है आरती,
भक्तों को भव से है तारती,
ये अंबे जगदंबे की है आरती,
भक्तों को भव से है तारती
भक्तों को भव से है तारती,
ये अंबे जगदंबे की है आरती,
भक्तों को भव से है तारती
1) 'तू शेरावाली, तू लाटा वाली,
तू जोता वाली मैया,
भक्तों की लाज बचइया'-2
तू दुख हरणी, तू भय हरणी-2,
है जग जननी की आरती,
भक्तों को भव से है तारती,
ये अंबे जगदंबे की है आरती,
भक्तों को भव से है तारती,
2) 'तू ब्रह्माणी तू रुद्राणी,
तू सिंघवाहिनी मैया,
तू है वीणा के बजैया'-2
जब असुर बढ़े, तू रण में लड़े-2
ये रण चंडी की आरती,
भक्तों को भव से है तारती,
ये अंबे जगदंबे की है आरती,
भक्तों को भव से है तारती,
3) 'सब नाम जपें, सब ध्यान धरे,
तेरा ब्रह्मा विष्णु मैया,
गुणगान करें तेरा मैया'-2,
हमें भक्ति दो, हमें मुक्ति दो-2
गीता मैया को पुकारती,
गीता मैया को पुकारती,
भक्तों को भव से है तारती
ये अंबे जगदंबे की है आरती,
भक्तों को भव से है तारती
(🖋️स्वरचित आरती,
गीतेश्वरी ठाकुर🖋️)
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