स्वरचित आरती
उतारूं हे सखी हाँ उतारूं हे सखी,
माता अंबे जी की आरती उतारूं हे सखी
1. माथे मां के बिंदिया है,
नाक में नथुनिया,
गले मोतियन के माल,
हे सखी ओ सखियों
ओ गले मोतियन की माल ऐ सखी,
माता अंबे जी की आरती उतारू हे सखी
2.हाथों मां के अस्त्र-शस्त्र,
पावन में पैजनिया,
पीले रंग सिंगा पे,
सवार हे सखी,
पीले रंग सिंगा पर सवार हे सखी,
माता अंबे जी की आरती
उतारू हे सखी
3.अंबा हे जगदंबा हे,
जगत की तू जननी
दुष्टों का तू करती है संघार है सखी
ओ सखियों दुष्टों का,
वो करती है संहार हे सखी,
माता अंबे जी की आरती
उतारू हे सखी,
माता अंबे जी की आरती उतारू हे सखी
4. मुंडा है चामुंडा है तू काली महाकाली,
मैया जी के नाम तो हजारों हे सखी,
ओ सखियों माता अंबे जी के,
नाम तो हजारों ही सखी,
माता अंबे जी की आरती उतारू हे सखी
5.कंचन का है थाल मैया,
अगर कपूर बाती,
भक्त करें जय जयकार हे सखी,
हो मैया भक्त करें जय जयकार हे सखी,
माता अंबे जी की आरती
उतारू हे सखी
उतारू हे सखी, हां उतारू हे सखी,
माता अंबे जी की आरती उतारू हे सखी
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