जस-
माँ के सोलहसिगारकी
टेक - माई कर सोलह सिंगार,
झुलन लागी झुलना
1)माथे बिंदिया चंदा जैसी।
झुमका फूलनदार॥
झुलन लागी झुलना.
कंगन मोती जड़े सुहाने ।
चुनरी गोटेदार ।।
कंगन मोती जड़े सुहाने ।
चुनरी गोटेदार ।।
झुलन लागीं झुलना
2)बड़ो बड़ो कजरा आंखों में सोहे
साड़ी जड़ी किनार॥
झुलन लागीं झुलना
3) हांतन चुरियां खूब सुहावें ।
गज मुतियन के हार॥
झुलन लागीं झुलना.
4) नाक नथनियां दम दम दमके।
पायल धुंघरूदार ॥
झुलन लागीं झुलना .
5) कर सिंगार मैया झुलना बिराजीं
शोभा बड़ी अपार ॥
झुलन लागीं झुलना .
6)सुमर सुमर में यह तेरे जस गांऐ,
चरणों पर बलिहार
झुलन लागी झुलना
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