स्वरचित जस (श्री गणेश सुमरनी)
देवों के सरताज गजानन
पहले तुम्हे मनाए हो मां
1.शंकर पार्वती के लाला ,
गौरी पुत्र कहाऐ हो मां
देवों के सरताज गजानन
2.तुम लंबोदर तुम दामोदर
तुमरे नाम हजारों हो मां
देवों के सरताज गजानन
3.एकदंत तुम दयावंत हो ,
लंबी सूंड़ विशाल हो मां
,देवों के सरताज गजानन
4.अंधे को आंख देते कोढी को काया
बांझो ने, लाल खिलाए हो मां
देवों के सरताज गजानन
5.लड्डू मेवा और नारियल ,
फूलन हार चढ़ाए हो मां ,
देवों के सरताज गजानन
6.सुमर सुमर देवा तेरे जस गाऐ
चरणों में शीश नवाय हो मां
देवों के सरताज गजानन
पहले तुम्हे मनाए हो मां
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें