मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां,
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
1.मैया बीच में दुर्गे लिखे दो रे ,सिंगा पे सवार
जगतारण के कारण रे, जग लींही अवतार
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
2.अरे छीर समुंदर के वासी रे, विष्णु भगवान
लक्ष्मी पैर दबाये रे, शैशन की छांव
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
3.लिख दो गंगा जमुना रे, त्रिवेणी की धार
लिख दो नर्मदा मैया रे, जे मैं तरे संसार
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी
4.लिख दो जनक दुलारी रे, लक्ष्मण और राम
भरत शत्रुघ्न लिख दो रे, जोधा हनुमान
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
5. कृष्ण राधिका लिख दो रे, मटकी के संग
दहिया की मटकी फोड़े रे, ग्वालो वालों के संग
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
6. मैया हरिश्चंद्र सतधारी रे, 'तुमसे करे पुकार
मूरत ध्वज को लिख दो रे, 'करना ना अबार
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
7.नल और नील बनाइयो रे , सुग्रीव कुमार
लंका जलाकर भस्म किए , जोधा हनुमान
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
8. सुमर सुमर जस गा है रे, मैया तेरे दरबार
चरण छोड़ कहां जा हैं रे, चरणों के आधार
मैया ऐसी रंगो रंग चुनरी हो मां
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