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ऐ री सखी, एरी सखी, ऐसा मिला मेरा दूल्हा,
ना इनका घर है ना चूल्हा,
1).ना इनके महल है न हैअटारी,
बैठे रहे ऊंचो टीला
ना इनका घर है ना चूल्हा,
ऐसा मिला मेरा दूल्हा....
2.इनके तो गहने है बिच्छू ततैया,
मेरे श्रंगार है सोला
न इनका घर है ना चूल्हा
ऐसा मिला मेरा दूल्हा.
3.खाने के नाम पर आक धतूरा ,
पीता है भंगिया का गोला
ना इनका घर है ना चूल्हा,
ऐसा मिला मेरा दूल्हा
4. पहने ना कोई मखमल के कपड़े,
बस लिपटाए मृगचोला,
ना इनका घर है ना चूल्हा
ऐसा मिला मेरा दूल्हा
5.ना उनके हाथी है ना उनके घोड़ा ,
लेकर चले नंदी बेला ,
ना इनका घर है ना चूल्हा, ,
एरी सखी ऐसा मिला मेरा दूल्हा
6. जैसे भी हैं वह तो पिया है हमारे ,
भोले तो मन के हैं भूला,
ना इनका घर है ना चूल्हा,
एरी सखी ऐसा मिला मेरा दूल्हा...
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