श्री गणेश उत्सव भजन 💃💃 चूहा पे आए गणराज रे, हाथी घोड़ा और शेर छोड़ चूहा पे आए गणराज रे, चूहा पे आए गणराज रे, हाथी घोड़ा और शेर छोड़कर चूहा पे आए गणराज रे 1)कुमकुम ना चाहिए बंदन ना चहिए, चंदन में खुश गणराज रे, 2)फुल ना चाहिए समी न चाहिए दूबा में खुश गणराज रे 3)माला ना चहिए गजरे न चाहिए जनेऊ में खुश गणराज रे 3)खीर ना चाहिए चाहिए पूरी ना चाहिए लड्डू में खुश गणराज 4) मोटर ना चाहिए गाड़ी न चाहिए चूहा में खुश गणराज रे 5) पेंट न चाहिए जींस न चाहिए शर्ट ना चाहिए पीतांबर में खुश गणराज रे 6)सोनाक्षी ना चाहिए मीनाक्षी ना चाहिए रिद्धि सिद्धि में खुश गणराज रे
देवी गीत भजन श्री चंद्र सिंह पटैल जो कि मेरे ( गीतेश्वरी ठाकुर) के पूज्यनीय पिता जी हैं के द्वारा स्व रचित है . लट खोल के नाचो मेरी माये कि नैना रतन जड़े - 2 रतन जड़े रे मैया, रतन जड़े-2 लट खोल के नाचो मेरे माय कि नैना रतन जड़े, 1)कौन दये मैया मुंडन माला-2 कौन दिए रे मैया हार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे हार, कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 2) महामाया दी मुंडन माल-2 क्षीर सागर दये हार, ओ मैया मोरी क्षीर सागर दये हार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 3)कौन दिये री मैया कमल की माला-2 कौन ने धनुष बाण , ओ मैया मोरी कोन ने धनुष बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 4) विश्वकर्मा दिए कमल की माला - 2 राम ने धनुष बाण, ओ मैया मोरी राम ने धनुष-बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 5) कौन दिए रे मैया त्रिशूल भाला-2 कौन दिए तलवार, ओ मैया मोरी कोन दिए तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 6) शंकर जी ने मैया त्रिशूल भाला-2 काल ने भेंटी तलवार, ओ मैया मोरी काल ने भेंटी तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 7) कौन दिए री मैया चक्र सुदर्शन-2 कौन दिए रे असवार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे असवार कि नैना रतन जड़े, लट
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