ओ भोले के पुत्र गजानन नाम है तुम्हारा, विघ्न विनाशक नाम है गणेशा तुम्हारा, 1) गिरजार् के लाडले हो सिद्ध करो सब काजा, भक्तों की टेर सुन के मूंसा पर चढ़कर आ जा सब देवन के देव हमेशा ऊंचा नाम तुम्हारा, ओ भोले के पुत्र..... 2) अंधों को नैना दिए हैं दीन गरीब को माया, बाँझन को पुत्र दिए हैं भक्तों को अपना साया, करो स्वीकार अर्जी हमारी दे दो हमें सहारा, ओ भोले के पुत्र... 3) दिल में बसो हमारे हम हैं दास तिहारे, चरणों की रज पाने हम हैं हाथ पसारे, क्या मैं भेंट चढ़ाऊं प्रभु जी, सब संसार तुम्हारा, ओ भोले के पुत्र.... 4) न पूजा भक्ति न सेवा भाव मैं जानू, अपनी वाणी से ही दाता गुणगान तेरे गांऊं, भक्त खड़ा चौखट पर तेरी जो है दास तुम्हारा, ओ भोले के पुत्र....
देवी गीत भजन श्री चंद्र सिंह पटैल जो कि मेरे ( गीतेश्वरी ठाकुर) के पूज्यनीय पिता जी हैं के द्वारा स्व रचित है . लट खोल के नाचो मेरी माये कि नैना रतन जड़े - 2 रतन जड़े रे मैया, रतन जड़े-2 लट खोल के नाचो मेरे माय कि नैना रतन जड़े, 1)कौन दये मैया मुंडन माला-2 कौन दिए रे मैया हार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे हार, कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 2) महामाया दी मुंडन माल-2 क्षीर सागर दये हार, ओ मैया मोरी क्षीर सागर दये हार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 3)कौन दिये री मैया कमल की माला-2 कौन ने धनुष बाण , ओ मैया मोरी कोन ने धनुष बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 4) विश्वकर्मा दिए कमल की माला - 2 राम ने धनुष बाण, ओ मैया मोरी राम ने धनुष-बाण कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 5) कौन दिए रे मैया त्रिशूल भाला-2 कौन दिए तलवार, ओ मैया मोरी कोन दिए तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के.. 6) शंकर जी ने मैया त्रिशूल भाला-2 काल ने भेंटी तलवार, ओ मैया मोरी काल ने भेंटी तलवार कि नैना रतन जड़े, लट खोल के... 7) कौन दिए री मैया चक्र सुदर्शन-2 कौन दिए रे असवार, ओ मैया मोरी कोन दिये रे असवार कि नैना रतन जड़े, लट
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