देवी गीत
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां।
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां।
1) जल और थल के अंदर रे,
मैया खड़ी निरंकार,
बार-बार मंथन करें,
हो जल के मझधार ,
मैया जल बिच मंथन
कर रही हो मां 2
2) चार बुलबुला पड़ गये रे,
जल के दरमियान,
चारों देवौ ने वास कियौ,
बुलबुलों में आन,
मैया जल बिच मंथन 2
3) पहलो बुलबुला में गणपति रे,
दूजे ब्रह्म सुजान ,
तीजे में विष्णु बिराजे,
चौथे शंकर भगवान,
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां - 2
3) पहलो बुलबुला फूटो रे,
गणपति लये अवतार,
प्रथम पूज्य दुनिया में,
पूजे संसार..
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां - 2
4) दूजो बुलबुला फूटो रे,
ब्रह्मा लये अवतार,
सृष्टि की रचना कीन्हीं,
वेद रचे जिनने चार
माई जल बिच मंथन,
कर रही हो मां
5)तीजो बुलबुला फूटो रे,
विष्णु लाए अवतार ,
पालन करें सृष्टि को,
जग के रखवार,
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां
6) चोंथो बुलबुला फूटो रे,
भोला लये अवतार,
चारों देवों को प्रकट करीं,
आदिशक्ति संसार,
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां
7) सुमर सुमर जस गांवे मां,
माई तोरे दरबार,
बिगड़ी माता बनाइयो,
हम हैं शरण तुम्हार,
मैया जल बिच मंथन,
कर रही हो मां
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