ले तीर कमान, मृग मारन गये,
रामजी हो मां-2
1)सूनी कुटिया हो गई रे,
नहीं सिया दिखाये - 2
कौन असुर छल कीन्हो रे,
लियो सिया चुराए
मृग मारन जय रामजी हो मां
2) सिया सिया कह रोवे रे,
व्याकुल मन राम - 2
सिया कौन विध पाहो रे ,
सोचें हैं राम,
मृग मारन जय रामजी हो मां
3)जब से अवधपुर छोड़ो रे,
दुख सहे ना जाए-2
फट जा वे जा धरती रे,
जे में जाए समाए
मृग मारन जय रामजी हो मां,
4) कैसे अवधपुर जेहों रे,
पूछे नर नारी-2
का जा खे बतलेहूं रे,
दुख सहे अपार
मृग मारन जय रामजी हो मां
5) ब्रह्मा ने का दुख लिख दओ,
रे बन गव जो जोग-2
इक दुख सिया हरण को रे,
दूजो पिता को शोक
मृग मारन गए रामजी हो मां
6)तडपत मिले जटायु रे
पूछे भगवान-2
किलप किलप खे स्वामी से,
कर रहे बखान
मृग मारन जय रामजी हो मां
7) रावण सीता ले गाओ रे
लंका ले जाए - 2
जा गति मोरी कीन्ही रे
दयो पंख जलाए
मृग मारन जय रामजी हो मां
#गीता_गीत_माला
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