राजा युधिष्ठिर ने यज्ञ रचो है,
देवी बिना यज्ञ ना होय मां,
कहे कन्हैया सुनो भैया अर्जुन,
देवी को ले आओ हो मां,
रथ चढ चल दिये वारे अर्जुन
धनुष्य बान लए हाथ हो मां,
एक वन नाके, दूजे वन माया,
तीजे वन कजली जय हो मां,
आवत देखि देवी ने अर्जुन,
हन लई वजर किवाड़ हो माँ,
खोल किवाड़ दर्शन दो मैया,
अर्जुन ठाढो द्वार हो माँ,
कहें जालपा सुन बारे अर्जुन,
का मेरी भेंट लाए हो माँ,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
लेओ भेंट तुम्हारी हो मां,
पान सुपारी ना लऊँ, बारे अर्जुन,
लेहों शीश तुम्हार हो माँ,
खड़ग उठाये शीश उतारो,
लेओ भेंट तुम्हार हो माँ,
आठ रोज से लाश पडी खुरपे
ना कुम्हलाएं हो मां,
कहें कालका सुनो जालपा
अर्जुन देव जिलाए हो मां,
दाई अंगुरिया अमृत छिड़को,
उठो अर्जुन हर्षाये हो माँ,
कोण सो संकट पड़ो बारे अर्जुन,
हमें लिवावन आये हो माँ,
राजा युधिष्ठिर ने यज्ञ रचो है,
तुम बिन यज्ञ ना होए हो माँ,
आगे आगे चल दिये अर्जुन,
पीछे दुर्गा माय हो माँ,
आवत देखे राजा युधिष्ठिर,
सभा गृह हर्षाये हो माँ,
चंदन चौकी आसान दीन्हो,
दूधन पांव पखारे हो मां,
धूप दीप चंदन बुलवाये,
देवी खे होम लगाये हो मां,
सुमर सुमर मैया तेरे जस गाये,
चरणों में शीश झुकाएं हो मां
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